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गोमेद रत्न, जिसे अंग्रेज़ी में हेसेनाइट (Hessonite) कहा जाता है, राहु ग्रह से संबंधित एक महत्वपूर्ण रत्न है। यह रत्न धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं।
गोमेद रत्न के लाभ:
मानसिक शांति और संतुलन: यह रत्न मानसिक तनाव और चिंता को कम करके मन की शांति और संतुलन प्रदान करता है।
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: गोमेद नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव करता है, जिससे व्यक्ति की ऊर्जा सकारात्मक बनी रहती है।
आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: इसे धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता में सुधार होता है।
स्वास्थ्य लाभ: यह रत्न पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करता है।
कैरियर और व्यवसाय में सफलता: गोमेद रत्न धारण करने से कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।
कौन पहन सकता है:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनकी कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थिति में हो या राहु की महादशा चल रही हो, उन्हें गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से, वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह रत्न लाभकारी माना जाता है। हालांकि, इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह रत्न आपके लिए उपयुक्त है।
धारण करने की विधि:
धातु और उंगली: गोमेद रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर मध्यमा (बीच की उंगली) में धारण करना चाहिए।
दिन और समय: शनिवार के दिन, विशेषकर स्वाती, आर्द्रा या शतभिषा नक्षत्र में, इसे धारण करना शुभ माना जाता है।
शुद्धिकरण: पहनने से पहले, अंगूठी को गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण में एक रात के लिए डुबोकर रखें। अगले दिन, 'ॐ रां राहवे नमः' मंत्र का जाप करते हुए इसे धारण करें।
ध्यान दें कि गोमेद रत्न धारण करने से पहले व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह रत्न आपके लिए शुभ फलदायी होगा।