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रिंग पांच धातु से बनी हुई है, और 1008 शिव मंत्र से अभिमन्त्रीत की हुई है.
साथ मे सर्टिफिकेट कार्ड भी है.
मूंगा रत्न, जिसे अंग्रेज़ी में रेड कोरल (Red Coral) कहा जाता है, एक लाल रंग का कीमती पत्थर है जो मंगल ग्रह से संबंधित है। यह रत्न साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
मूंगा रत्न के लाभ:
आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: मूंगा रत्न धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति में साहस का संचार होता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना दृढ़ता से कर सकता है।
मंगल दोष का निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा रत्न कुंडली में मौजूद मंगल दोष को दूर करने में सहायक होता है, जिससे वैवाहिक जीवन और अन्य क्षेत्रों में आने वाली बाधाएं कम होती हैं।
स्वास्थ्य लाभ: यह रत्न रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है और रक्त-संचार को सुधारता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: मूंगा रत्न नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव करता है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
कौन पहन सकता है:
मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मूंगा रत्न धारण करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, सिंह, धनु और मीन लग्न वाले लोग भी इसे धारण कर सकते हैं। हालांकि, इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह रत्न आपके लिए उपयुक्त है।
धारण करने की विधि:
धातु और उंगली: मूंगा रत्न को तांबे, सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) में पहनना चाहिए।
दिन और समय: मंगलवार के दिन, विशेषकर शुक्ल पक्ष में, सूर्योदय से पहले इस रत्न को धारण करना शुभ माना जाता है।
शुद्धिकरण: पहनने से पहले, अंगूठी को कच्चे दूध और गंगाजल में कुछ समय के लिए डुबोकर शुद्ध करें। इसके बाद, 'ॐ अं अंगारकाय नमः' मंत्र का जाप करते हुए इसे धारण करें।